जब कोई कंपनी आपको पैसे भेजती होगी तो ये भी चांस है की वो जितना भेजना था उसमे से कुछ पैसे काट के भेजेगी और पूछने पर वो कहेगी की TDS deduct हो गया है ऐसे में आप सोचते होंगे की :-
- TDS Kya Hota Hai?
- TDS Full form kya hota hai
- TDS Meaning kya hai etc.
TDS Full Form Kya Hai?
TDS full form – Tax Deducted At Sources होता है।
TDS meaning in Hindi
TDS ka full form Tax Deducted at Sources होता है और इसका meaning भी इसी के फुल फॉर्म में छुपा हुआ है, साफ साफ पता चल रहा है की सोर्स मतलब जो पैसा भेजेगा उसी जगह पर जितने भेजेगा उस अमाउंट पर टैक्स काट लिया जायेगा उसके बाद जो पैसा बचेगा उतना ही आपके पास आएगा।
अगर आप टीडीएस के बारे में अच्छे से समझना चाहते है तो एक example से समझ सकते है।
मान लीजिये की आपको कोई XYZ नाम की कोई कंपनी 50000 रूपये भेजेगी और वो पैसा किसी एग्रीमेंट का या कोई कॉन्ट्रैक्ट वाला होगा तो वो कंपनी आपके अकाउंट में सिर्फ 45000 भेजेगी और जब आप उससे पूछेंगे की एग्रीमेंट तो 50000 की हुयी थी तो सिर्फ 45000 ही क्यों आया अकाउंट में ?
ऐसे में वो कंपनी आपको कहेगी की बाकि के 5 हजार रुपया TDS में deduct हो गया है क्योकि जितना अमाउंट भेजना था उसका 10% TDS काटना होता है।
TDS क्यों कटता है ?
ये सवाल सबसे जरूरी है की गवर्नमेंट टीडीएस क्यों काटती है तो इसका जबाब है सरकार अलग अलग तरह से टैक्स लेती है , आप इनकम टैक्स का नाम तो जरूर सुने होंगे जो की डायरेक्ट टैक्स होता है लेकिन उसके बाद indirect टैक्स अलग अलग तरह से काटा जाता है।
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आप सुने होंगे की अगर आप साल में 2.5 लाख से ज्यादा कमाते है तो आपको टैक्स देना होता है और अपने देश में बहुत लोग है जो अलग अलग तरह से टैक्स चोरी कर लेते है।
अब मान लीजिये की किसी आदमी को XYZ नाम की कंपनी पुरे 50 हजार रुपया बिना कोई टैक्स लिए दे देती तो ये पुरे चांस बनता है की बाद में वो आदमी किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी कर लेता या ITR filing ही नहीं करता और गवर्नमेंट को कोई टैक्स नहीं जाता।
लेकिन जब पहले ही उस 50 हजार पर 10% टैक्स काट लिया गया है तो ऐसे में गवर्नमेंट को अब टैक्स वसूली के लिए टेंशन नहीं लेना होगा बल्कि जिसका टीडीएस कट गया है और वो टैक्स के दायरे में नहीं आता है तो वो पैसे वापस तभी मिलेगा जब पुरे डिटेल्स के साथ ITR फाइल करेगा।
टीडीएस रिफंड कैसे मिलता है ?
अगर आपका टीडीएस कट गया है तो आपको रिफंड तभी मिलेगा जब आप ITR फाइल करेंगे और याद रखिये की सरकार आपसे पैसे लेने में कोई गलती भी है तो भी आपसे जमा जरूर ले लेगा लेकिन जब आप सरकार से पैसे वापस लेना चाहेंगे तो आपको पुरे डिटेल्स सही सही भरना होगा।
देखिये एक बात तो साफ़ है की अगर आपका टीडीएस कटा है तो आपको टेंशन नहीं लेना है अगर आप सच में ईमानदारी से ITR फाइल करते है तो.
टेंशन उसको होता है जिस टैक्स नहीं भरना चाहता है , एक बात और अगर टीडीएस का अमाउंट बहुत जमा हो गया है और आपका टैक्स लायबिलिटी बहुत कम होता है तो उसमे से घटाने के बाद जो अमाउंट बचता है वो आपको वापस मिल जायेगा।
जैसे की मान लीजिये पुरे साल में अलग अलग कंपनी आपको पैसे टीडीएस काट कर भेजती है तो धीरे धीरे आपके पैन नंबर पर बहुत पैसे टीडीएस में जमा हो जायेगा जैसे एक example के लिए आपके टीडीएस status में 25 हजार जमा हो चुके है।
अब जब आप ITR फाइल करेंगे उस टाइम आपके पुरे साल में सिर्फ जो भी कमाई हुए उसके अनुसार आपको सिर्फ 10 हजार ही टैक्स देना है लेकिन पहले से ही सरकार के पास आपका 25 हजार जमा है तो ऐसे में उस 25 हजार में से 10 हजार टैक्स वाला घटाने के बाद बाकि के 15 हजार आपको TDS Refund आपके बैंक अकाउंट में आ जायेगा।