अक्सर आपके मन में आता होगा की क्या पैसा ही सब कुछ है ? क्योकि कभी कभी ये अहसास होता होगा की बेकार में लोगो के लिए अपना टाइम बर्बाद किया और जिसके पीछे सब कुछ दिया वो पैसे के कारण समय पड़ने पर आपका साथ नहीं दिया तो मन ही मन ये अहसास होता की काश अपने पास भी पैसा होता ऐसे में ये पोस्ट जरूर पढ़े।
क्या पैसा ही सब कुछ है ?
इसके लिए एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है “पैसा खुदा नहीं लेकिन खुदा से कम भी नहीं है ” ये बात आपको मेरी जिंदगी के एक हिस्से की कहानी पढ़के समझ में आ जाएगी की क्या सच में पैसा सब कुछ है या नहीं ?
जब मै कहूंगा की पैसा ही सब कुछ है तो लोग ये समझते है की क्या पैसे के लिए कोई भी गलत काम कर ले क्योकि अगर पैसा ही सब कुछ है तो गलत काम करके पैसा कमाया जा सकता है लेकिन अगर आपको इसकी गहरायी को समझेंगे तो आपको पता चलेगा की पैसा का असली में मतलब क्या होता है।
पैसा का असल मतलब क्या होता है ?
दोस्तों ,बहुत ही कम लोगो को ये समझ आता है की पैसा सिर्फ एक tool है मतलब एक ऐसा जरिया जिसके जरिये से हम एक दूसरे के काम को आसान बनाते है तो इसका सीधा मतलब होता है की पैसा सिर्फ एक byproduct है।
मतलब ये की जैसे आप कोई काम करते है, मान लीजिये की आपको खेती करना आता है तो आपने कोई फसल उपजाया और आपका दोस्त है जिसको कपड़ा सिलने आता है तो जब आपको जरूरत होगी कपड़े सिलवाने की तो आप दोस्त को कहेंगे कपड़े सील दो उसके बदले आप उसको कुछ सब्जी देंगे या अनाज देंगे जिससे उसके घर के लोग खाना खा सकते है और आपके घर के लोग कपड़ा सिला होने के कारण पहन सकते है।
लेकिन क्या होगा जब आपका दोस्त किसी अनजान जगह जायेगा जहाँ पर उसको भूख लगेगा तो खाना कौन देगा ? क्योकि वो तो दूसरे का कपडा सिला नहीं है या उसके घर का बच्चा कही जायेगा जिसको कपड़े सिलना नहीं आता है तो वो कैसे खाना खायेगा ?कोई क्यों फ्री में खिलायेगा ?
इसके लिए ही पैसे या currency को बनाया गया जिससे की जो काम जितने वैल्यू का होगा उसके अनुसार वो आदमी काम के बदले उतना पैसा लेगा और बाद में किसी अनजान जगह जाने पर उसी पैसे से उतने ही वैल्यू का दूसरा सामान ले सकता है।
जैसे की अगर आपने अपने खेत से सिर्फ 1 किलो अनाज उपजाया है तो मार्केट के हिसाब से आपके अनाज का दाम 100 रुपया है तो ऐसा कभी नहीं होगा की दूसरे जगह आप 100 के बदले 500 का सामान ले लेंगे इसलिए तो करेंसी बनाया गया।
अब तो आप पैसा का असल मतलब समझ गए होंगे न ?
पैसा सब कुछ होता है ?
अब आते है की Kya Paisa Hi Sab Kuch Hai?
दोस्तों , जब मई छोटा था और मेरे घर की आर्थिक हालत बहुत खराब थी तो मेरे परिवार का कभी इज्जत समाज में नहीं दिया जाता था और मेरे परिवार के किसी बात का कोई वैल्यू भी नहीं दिया जाता था जबकि वो सही और सच बोलते वही पर जो आदमी अच्छा कपडा और गाड़ी में घूमता था वो गलत होते हुए भी समाज के लोग उसके सामने कुछ नहीं बोलते थे और उनका इज्जत हर जगह होता था।
इसका मतलब ये हुआ की समाज में जो लोग रहते है उनके मानसिकता यही है की जो पैसे के मामले में मजबूत हो उसको जायदा वैल्यू दे ऐसे में अगर आप हर पॉइंट पर सही भी रहेंगे और अगर कोई परेशान जानबूझ के करेगा तो आपके सपोर्ट में जल्दी कोई नहीं आएगा लेकिन अगर आपके पास पैसा होगा तो सब आएगा।
अब आप सोचेंगे की समाज के लोग ऐसा क्यों करते है तो ये उनकी भी गलती नहीं है , वो ऐसा इसलिए करते है ताकि अगर कभी कोई पैसे की इमर्जेन्सी आएगा तो आप नहीं बल्कि वो आदमी हेल्प करेगा जिसके पास ज्यादा पैसा रहता है तो वो आपके साइड सपोर्ट करके वो खुद का नुकसान क्यों करेगा।
देखिये मैंने आपको ऊपर में ही समझाया की पैसा एक tool है जिसके इस्तेमाल करके बहुत सारे काम होता है और इंसान है तो आपको हर जगह किसी न किसी से कोई न कोई काम तो करवाना ही होगा न ?
अगर आपके घर में मिल्क आता है तो उसके लिए पैसा चाहिए अगर आप खुद गाय पालेंगे तो उसके चारे के लिए पैसा चाहिए अगर खुद चारा उपजायेंगे तो उसके लिए जमीन चाहिए जमीन तो पैसे से ही आएगा , मतलब जिंदगी के हर कदम पर आपको लोगो से हेल्प की जरूरत होगी और उसकी जरूरत इसलिए की वो आपका काम करेगा।
सब्जी वाला सब्जी देगा तो वो फ्री में आपका काम क्यों करेगा आपको घर में कपड़े चाहिए कही जाने के लिए गाड़ी का भाड़ा देना है मतलब की हर जगह इसलिए पैसा एक ऐसा माध्यम है जिससे अपने जिंदगी का लगभग 90 % बाहरी समस्या हल कर देगा अगर आपको अपने काम के लिए लोगो से मदद की जरूरत है तो।
जब आपको जरूरत है तो समाज के हर आदमी को यही जरूरत होगी और सब लोग एक दूसरे का काम करके जो reward लेते है वो पैसे के रूप में ही reward लेते है।
पैसा एक प्रूफ है की आपने अपने जिंदगी में जितना पैसा आपके पास है उतने पैसा के वैल्यू का कोई भी काम किसी से करवा सकते है अगर अगला आदमी करना चाहे तो या उतने पैसे के वैल्यू के बराबर कोई सामान खरीद सकते है अगर अगला आदमी बेचने को तैयार हो तो।
अगर इस तरह से देखेंगे तो आपको समझ में आएगा की पैसा ही सब कुछ है। आपको पैसे की अहमियत तब समझ में आएगी जब आपके घर में कोई बीमार होगा और हॉस्पिटल से लेकर इलाज करने तक में पैसे खर्च होंगे और अगर पैसे नहीं तो इलाज नहीं, तब आप अंदर ही अंदर रोयेंगे और सोचेंगे की पैसे क्यों नहीं कमाया।
आपको स्वस्थ रहना है तो खान पान सही रखना होगा फल सब्जी ताजे खाने होंगे और ये सब के लिए पैसा लगता है , क्या आप बिना सही से खाये पिए या अगर आप बीमार है और इलाज के लिए पैसे नहीं है या पहनने के लिए कपड़े , रहने के लिए छत का घर , कही जाने के लिए मोटरसाइकिल या गाड़ी भाड़ा ये सब जब नहीं मिलेगा तो क्या आप अपने जिंदगी को आसानी से खुशी से गुजार लेंगे ?
मतलब जिंदगी के हर स्टेप पर आपको पैसा चाहिए , भले ही आपके पास बहुत पैसे नहीं लेकिन इतना तो चाहिए की आपका गुजर बसर हो सके।
क्या पैसे के लिए कुछ भी करके कमा सकते है ?
यही पर आकर अक्सर लोग कंफ्यूज हो जाते है की जब पैसा ही सब कुछ है तो पैसे को तो कोई भी गलत तरीके से या किसी का चोरी या किसी से बेईमानी करके भी पैसे तो कमा सकते है।
आपको ऊपर में क्या बताया की पैसा सिर्फ एक ऐसा टूल है जिसका मतलब की आपके पास जितना पैसा है उतने पैसे के वैल्यू का आपने किसी को हेल्प किया है जिसके कारण reward के रूप में पैसा मिला है लेकिन जब आप चोरी या बेईमानी या गलत तरीके से पैसे कमा लेंगे तो इसका मतलब है की आपने जो गलत तरिके से जो भी पैसा कमाया है उतने वैल्यू का आपने कोई काम नहीं किया है।
जब उतने वैल्यू का आपने काम नहीं किया तो इतना जायदा पैसा कैसे आया आपके पास और उसी टाइम आप गलत हो जाते है आप क़ानूनी के नजर में भी गलत हो जाते है.
इसलिए कभी कभी आप सुनते होंगे की बहुत अमीर लोगो पर ED छापा मारता है और उससे पूछता है की आपने पास इतने पैसे किस तरीके से आये है वो बताइये।
इसलिए आपके पास पैसे तो होने ही चाहिए लेकिन वो पैसे आपके मेहनत से कमाए हुए होंगे चाहिए भले ही आप बिज़नेस करके ही क्यों नहीं कमाए लेकिन पैसे जरूर कमाए।
पता है आपको , मैंने खुद इसी ब्लॉग पर एक पोस्ट लिखा है जिसमे आप सीखेंगे की ब्लॉग बना कर ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए